बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के असहनशीलता वाले बयान को जहां बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पहले 'देशद्रोह' बताया था,विवादबढ़नेकेबादशाहरुखकोदेशद्रोहीबतानेवालेबयानसेपलटेकैलाशविजयवर्गीय वहीं विवाद बढ़ने के बाद माफी मांगते हुए उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया है.विजयवर्गीय ने इस बाबत ट्वीट किया कि अगर भारत में अमिताभ के बाद शाहरुख सबसे अधिक लोकप्रिय नहीं होते. यही नहीं, उन्होंने यह भी लिखा कि उनका उद्देश्य किसी को भी ठेस पहुंचाना नहीं था. बुधवार को अपना बयान वापस लेते हुए बीजेपी नेता ने दो ट्वीट किए. अगर भारत में असहिष्णुता होती तो अमिताभ के बाद सर्वाधिक लोकप्रिय अभिनेता शाहरुख़ न होते, मेरे ट्वीट को कुछ लोगो ने अलग अर्थो में लिया है। 1/2मेरा उद्देश्य किसी को भी ठेस पहुँचाना कतई नहीं था। मैं अपना कल का ट्वीट वापिस लेता हूँ। 2/2कैलाश विजयर्गीय के ताजा बयान को पार्टी की लाइन पर लौटना भी माना जा रहा है, क्योंकि दो नवंबर को शाहरुख का बढ़ती असहिष्णुता को लेकर बयान आने के बाद बीजेपी के महासचिव पी मुरलीधर राव ने भी अभिनेता की निंदा की थी. तब मुरलीधर राव ने ट्विटर पर यही लिखा था कि अगर देश में असहिष्णुता होती तो आज शाहरुख खान को अपने लाखों फैंस से इतना प्यार नहीं मिलता. Had India been intolerant, you wouldnot have been King Khan with millions of fans! Condemnable expression. शाहरुख़ खान रहते भारत में हैं पर उनका मन सदा पाकिस्तान में रहता है। उनकी फिल्मों यहाँ करोड़ो कमाती है पर उन्हें भारत असहिष्णु नजर आता है 1/5यह देशद्रोह नहीं तो क्या? भारत संयुक्त-राष्ट्र का स्थाई सदस्य बनने को है, पाक समेत सभी भारत विरोधी ताकते इसके विरुद्ध षड्यंत्र रच रही है 2/5भारत मे असहिष्णुता का माहौल बनाना षडयंत्र का हिस्सा है। शाहरुख़ ने 'असहिष्णुता का राग' पाक व भारत विरोधी ताकतों के सुर में सुर मिलाना है 3/5जब 1993 में बॉम्बे में सेकड़ों लोग मारे गये तब शाहरुख़ खान कहाँ थे? जब मुम्बई पर 26/11 को हमला हुआ तब शाहरुख़ कहाँ थे? 4/5आज सारी दुनिया भारत व उसके नेतृत्व का मान कर रही है, ऐसे में यहाँ असहिष्णुता बढ़ने की बात करना, दुनिया के समक्ष भारत को कमजोर करना होगा। 5/5